हमारे एजुकेशन सिस्टम में कंप्यूटर के योगदान से तो सभी परिचित हैं पर अब AI से Education सेक्टर में हो रहे नवाचार और इसके सफल प्रयोगों से भविष्य की शिक्षा प्रणाली काफी हद तक बदलने वाली है।
ब्लैकबोर्ड की जगह स्मार्ट बोर्ड ने ले ली है, चॉक की जगह पर टच पैन आ गए हैं, और भारी भरकम पाठ्यपुस्तकों से भरे स्कूल बैग में अब टेबलेट और आई पैड दिखना आम होता जा रहा है, पर एक चीज़ है जिसे बदलना लगभग असंभव है और वो हैं हमारे माननीय टीचर्स” लेकिन टीचर्स का काम आसान बनाने के लिए अब AI ज़रूर आ गया है हमारे Education सिस्टम में।
कुछ समय पहले तक हमारे लिए सूचना का एकमात्र स्रोत हमारे टीचर ही हुआ करते थे और उनके सहायक सामग्री के रूप में मानचित्र, ग्लोब और ऑर्गन चार्ट या प्रोजेक्टर जैसी भौतिक वस्तुएं ही सीमित थी। पर AI से Education सेक्टर में इन चीज़ों को बदलकर नवाचार को अपनाया जा रहा है, जिससे हमारे टीचर का बोझ भी कम हो रहा है और स्टूडेंट्स को भी जटिल विषयों को समझने में मज़ा आ रहा है।
आज हम कंप्यूटर, स्मार्टबोर्ड और वास्तविक समय में इंटरनेट से जानकारी निकलने जैसी क्षमताओं को आसानी से देख सकते हैं। शिक्षा का सार है – ज्ञान प्रदान करना और विकास को बढ़ावा देना। हालाँकि, विधियाँ, दक्षता और सटीकता समय-समय पर विकसित होती रहती हैं। मानवीय कार्यों और मशीनी कार्यों के बीच खीचतान भी चलती रहती है पर यही परिवर्तन शिक्षा और कक्षा प्रबंधन के बारे में हमारी सोच में क्रांतिकारी बदलाव लाता है।
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AI से Education में ऑटोमेशन और कक्षा प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित किया जा सकता है
AI बहुत आगे बढ़ चुका है। हाल के वर्षों में, AI से Education सिस्टम में चमत्कारिक बदलाव देखे गए हैं। कई लोग यह कह सकते है की कक्षाओं में स्वचालन क्यों लाएँ? तो इसका प्राथमिक उद्देश्य बहुत ही सरल है: टीचर्स को सांसारिक, दोहराव वाले कार्यों से मुक्त करना ताकि वे उस काम पर अधिक ध्यान केंद्रित कर सकें जो वे सबसे अच्छा करते हैं जैसे अपने अनुभव और ज्ञान से युवा दिमागों को पढ़ाना और उनका मार्गदर्शन करना।
आइए गहराई से जानें कि AI और ऑटोमेशन कक्षा प्रक्रियाओं में कैसे क्रांति ला रहे हैं:
अब क्लास में टीचर द्वारा प्रत्येक छात्र का नाम पुकारने के दिन गए। स्वचालित अटेंडेंस प्रणालियों के साथ, छात्र अपने आईडी कार्ड स्वाइप कर सकते हैं या चेहरे की पहचान करने वाला सॉफ्टवेयर स्वतः ही स्टूडेंट्स की पहचान कर उनकी अटेंडेंस दर्ज कर सकता है, जिससे रोज़ दोहराई जाने वाली इस प्रक्रिया को तेज और ऑटोमेट किया जा सकता है।
इंटेलीजेंट शेड्यूलिंग
एक AI सिस्टम शेड्यूल को अनुकूलित कर सकता है, यह सुनिश्चित करते हुए कि कक्षाओं, प्रयोगशालाओं या पुस्तकालयों के टाइम टेबल में टकराव न हो, जिससे कक्षा के आकार और आधार पर कुशलतापूर्वक इस शेड्यूल का उपयोग किया जाए, और छात्रों को वह समय स्लॉट मिले जो उनके लिए सबसे उपयुक्त हो और स्कूल प्रबंधन द्वारा निर्धारित किया गया हो।
असाइनमेंट पर रीयल-टाइम ग्रेडिंग और फीडबैक
AI तुरंत छात्रों की प्रस्तुतियों का आकलन कर सकता है, सुधार योग्य क्षेत्रों की जानकारी दे सकता है और प्रतिक्रिया एवं सुझाव दे सकता है, जिससे जब कोई छात्र संघर्ष करता हुआ दिखाई दे तो टीचर उसमें इन्वॉल्व होकर स्टूडेंट की सहायता कर सके। AI द्वारा प्रदान की गई प्रतिक्रिया एक के समान हो सकती है जैसे निबंध लेखन पर आलोचनाएँ देना, छात्रों की प्रस्तुतियों में स्पष्टता और सुसंगतता सुनिश्चित करना या किसी प्रोजेक्ट में स्टूडेंट द्वारा किसी महत्वपूर्ण पक्ष को शामिल करने से चूक जाना आदि।
स्टूडेंट परफॉरमेंस के लिए पूर्वानुमानित विश्लेषण
डेटा का विश्लेषण करके, AI अनुमान लगा सकता है कि कौन से छात्र को शिक्षक की ज़रूरत अधिक है, जिससे समय पर हस्तक्षेप कर टीचर द्वारा उस स्टूडेंट को सही हेल्प मिल सके इससे उसके अगले परफॉरमेंस में अनुमानित बदलाव देखा जा सकता है।
सूचनाएं और अलर्ट
टीचर और छात्रों को अब मैन्युअल अनाउंसमेंट या नोटिस बोर्डों पर निर्भर रहने की आवश्यकता नहीं है। स्वचालन उपकरण आगामी परीक्षणों, असाइनमेंट की समय सीमा, या स्कूल के कार्यक्रमों के बारे में सीधे छात्रों और अभिभावकों के फोन या ईमेल पर सूचनाएं भेज सकते हैं।
पाठ्यक्रमों या शिक्षण विधियों के बारे में फीडबैक एकत्र करना अब डिजिटल सर्वे के माध्यम से स्वचालित किया जा सकता है। यह न केवल कलेक्शन प्रक्रिया को सरल बनाता है बल्कि डेटा विश्लेषण को तेज़ और अधिक सटीक भी बनाता है। इस प्रक्रिया को ऑटोमेट कर स्कूल प्रबंधन काउंसलर या एडमिन स्टाफ को अन्य महत्वपूर्ण कार्यों के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।
स्वचालित एग्जाम प्रतिनिधि
स्वचालित प्रॉक्टरिंग सॉफ़्टवेयर की मदद से ऑनलाइन परीक्षाओं में नकल की चुनौतियों से निपटने के लिए कई संस्थान काम कर रहे हैं। ये उपकरण एग्जाम के दौरान अपने वेबकैम के माध्यम से छात्रों की निगरानी करते हैं। AI का उपयोग करते हुए, सॉफ्टवेयर संदिग्ध गतिविधियों को चिह्नित कर सकता है, जैसे कि कोई छात्र बार-बार अपनी डेस्क से दूर देख रहा हो या कोई अन्य व्यक्ति कमरे में प्रवेश कर रहा हो।
रियल टाइम भाषा अनुवाद
विभिन्न भाषाई पृष्ठभूमि के छात्रों के साथ एक ही कक्षा में, जब एक टीचर अंग्रेजी में व्याख्यान देता है, तो AI-संचालित उपकरण एक साथ सामग्री को कई भाषाओं में ट्रांसक्राइब और अनुवाद कर सकते हैं। जिससे क्लास में मौजूद सभी भाषा के छात्रों को रियल टाइम अनुवाद से पाठ को समझने में आसानी हो सके।
AI से स्टूडेंट्स सेफ्टी, क्लासरूम मैनेजमेंट को और बेहतर किया जा सकता है
कक्षा स्वचालन में AI का उदय एक समृद्ध, अधिक वैयक्तिकृत और कुशल शिक्षण वातावरण बनाने के बारे में है। AI से Education प्रत्यक्ष कक्षा अनुप्रयोगों से परे, व्यापक शैक्षिक पारिस्थितिकी तंत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हुआ दिख रहा है। उदाहरण के लिए:
कैमरे से सुसज्जित AI स्कूल परिसर की निगरानी कर सकता है. अपने आप डेटा इकठ्ठा करना और स्कूल परिसर में एक्सेस प्रोटोकॉल को मैनेज किया जा सकता है, AI तत्काल अलर्ट भेजकर असामान्य गतिविधियों या अनधिकृत प्रवेश का पता लगा सकता है। यह अनैतिक या असामान्य स्थिति का अंदेशा होने पर सिक्योरिटी कर्मचारियों को भी सूचित कर सकता है।
जीपीएस से लैस स्कूल बसों से जुड़े इंटेलिजेंट सिस्टम स्वचालित रूप से माता-पिता को उनके बच्चे के आगमन के समय के बारे में सूचित कर सकते हैं। या किसी बच्चे के साथ स्कूल बस में हो रहे संदिग्ध बर्ताव या कोशिशों से अवगत करवा सकता है।
AI से Education सम्बंधित संसथान जैसे स्कूल, कॉलेज, कोचिंग सेंटर अपनी बिलिंग और फीस कलेक्शन प्रक्रिया को स्वचालित कर सकते हैं, जिससे मैन्युअल परेशानी के बिना समय पर भुगतान सुनिश्चित हो सके और पूरी प्रक्रिया का सुरक्षित डिजिटल रिकॉर्ड रखा जा सके। जो किसी भी विवाद की स्थिति से निपटने में काफी सहायक साबित हो सकता है।
किसी भी तकनीक को संतुलित दृष्टिकोण से देखना आवश्यक है। जबकि AI और ऑटोमेशन कई लाभ प्रदान करते हैं, विचार करने योग्य चुनौतियाँ भी हैं। AI से Education क्षेत्र में क्रांति तो लायी जा सकती है पर शैक्षणिक संस्थानों को यह सुनिश्चित करने की भी आवश्यकता है कि वे जो तकनीक अपना रहे हैं वह उपयोगकर्ता के अनुकूल हो और टीचर के लिए अतिरिक्त बोझ न बन जाये। साथ ही गोपनीयता और डेटा सुरक्षा से समझौता भी नहीं होना चाहिए, खासकर छात्रों की व्यक्तिगत जानकारी आदि।
AI से Education सेक्टर एवं टीचर्स को क्या लाभ हो सकते हैं
AI के तेजी से प्रचलित होने के साथ, किसी को आश्चर्य हो सकता है: “यह हमारे टीचर को कहां छोड़ता है?” यह एक वैध चिंता है, लेकिन निश्चिंत रहें, शिक्षण के सार को दरकिनार नहीं किया जा रहा है। शिक्षा के मूल में छात्रों और टीचर के बीच का बंधन है – एक ऐसा बंधन जिसे प्रौद्योगिकी बढ़ा सकती है लेकिन प्रतिस्थापित नहीं कर सकती।
AI से Education सेक्टर और टीचर्स दोनों को फायदा ही है इसे एक प्रतिस्पर्धी के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए, AI टीचर्स के लिए एक सहयोगी के रूप में कार्य करता है, बेहतरी के लिए उनकी भूमिका को नया आकार देता है, और कई मायनों में उनके महत्व को बढ़ाता है।
ऊपर उल्लिखित AI ग्रेडिंग सिस्टम टीचर को तत्काल परिणाम प्रदान करते हैं, जिससे वे उस बचाए गए समय का उपयोग छात्रों के साथ वन-टू-वन चर्चा में शामिल होने, रुचि के विषयों पर गहराई से विचार करने में कर सकते हैं।
जबकि AI डेटा इनसाइट्स और जानकारी प्रदान करता है, टीचर छात्रों को गंभीरता से सोचने, प्रश्न पूछने और बिंदुओं को जोड़ने के लिए प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। टीचर न केवल कविता या इतिहास पर चर्चा करते हैं, बल्कि जीवन के पाठों, मूल्यों और नैतिकता पर भी चर्चा करते हैं।
यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां मानवीय संपर्क अपूरणीय है। वे छात्रों को उनके आसपास की दुनिया के संदर्भ में पाठ की व्याख्या करने में अपने अनुभवों एवं विषय के ज्ञान के द्वारा मार्गदर्शन करते हैं। फिर कैसे AI या कोई अन्य तकनीक किसी टीचर को रिप्लेस कर सकती है।
कक्षा में सहयोगी उपकरण नियोजित करते समय, जहां छात्र ग्रुप प्रोजेक्ट्स पर काम करते हैं, AI टीम असाइनमेंट, संसाधन आवंटन और प्रगति ट्रैकिंग का प्रबंधन करता है, जिससे टीचर को छात्रों के बीच टीम वर्क, नेतृत्व और पारस्परिक कौशल को बढ़ावा देने का पर्याप्त समय मिल सके।
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शिक्षण संसथान AI को कब और कैसे लागु करें
AI से कक्षा को वास्तव में लाभ हो, इसके लिए टीचर और छात्रों को समान रूप से विकास को अपनाना होगा। AI से Education को सिर्फ जोड़ना ही काफी नहीं होगा हमें इसकी क्षमता का पूरी तरह से दोहन करने के लिए पर्याप्त प्रशिक्षण और खुली मानसिकता की आवश्यकता होगी।
शिक्षण संस्थानों को शैक्षणिक सत्र की शुरुआत में ही अपने सिस्टम में AI को लागु करना उपयुक्त माना गया है, इसी समय संसथान टीचर्स के लिए AI-संचालित शिक्षण प्रणालियों पर एक सप्ताह की कार्यशाला आयोजित कर सकते हैं। जहाँ उन्हें प्लेटफ़ॉर्म पर नेविगेट करना, सुविधाओं को समझना और AI को अपनी शिक्षण विधियों में सहजता से एकीकृत करने के तरीकों को जानने का मौका मिल जाता है।
छात्र ऑनबोर्डिंग सत्र
AI-आधारित लेखन और शोध सहायक जैसे नए टूल पेश करने से पहले, छात्रों को व्यावहारिक सत्रों के माध्यम से प्रश्नों को तैयार करना, परिणामों की व्याख्या करना और असाइनमेंट के लिए टूल का उपयोग करना सिखाया जाना चाहिए। जिससे छात्रों को भी इस नयी तकनीक को समझने और उपयोग करने के लिए प्रयाप्त समय मिल सके।
नैतिक उपयोग के बारे में शिक्षित करना
टीचर्स को AI टूल के जिम्मेदार उपयोग पर सत्र आयोजित करना चाहिए, जिसमें अनुचित लाभ के लिए एल्गोरिदम में हेरफेर न करने या साहित्यिक चोरी के लिए टूल का उपयोग न करने आदि के महत्व पर जोर दिया जाना चाहिए।
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निष्कर्ष
शिक्षा जगत एक महत्वपूर्ण परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। AI और ऑटोमेशन को अपनाना सिर्फ एक विकल्प नहीं है; यह भविष्य है। यह आर्टिकल AI-संचालित कक्षा या नए उपकरण पेश करने के बारे में नहीं है बल्कि AI से Education सेक्टर को और बेहतर एवं भविष्य के लिए छात्रों को तैयार करने के सम्बन्ध में है। और यह सुनिश्चित करने के बारे में है कि शिक्षा में मानवीय स्पर्श प्रौद्योगिकी द्वारा बढ़ाया जाए, न कि छिपाया जाए।